Bihar Politics: चुनावी साल में बिहार की राजनीति गरमाई हुई है और केंद्र से लेकर राज्य सरकार तक बिहार के लिए लगातार घोषणाएं कर रही हैं। इन घोषणाओं को जहां सत्ताधारी दल ‘विकास की रफ्तार’ बता रहे हैं, वहीं विपक्ष इसे चुनावी स्टंट करार दे रहा है। आरजेडी नेता और पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने एक बार फिर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उनकी सरकार पर तीखा हमला बोला है।
तेजस्वी ने सरकार की लगातार घोषणाओं पर कटाक्ष करते हुए कहा कि “भ्रष्ट भूंजा पार्टी अब अचेत मुख्यमंत्री से कुछ भी कहलवा सकती है।” उनका इशारा इस ओर था कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अब फैसले लेने की स्थिति में नहीं हैं और केवल उनके नाम का इस्तेमाल किया जा रहा है।
हाल ही में राज्य सरकार ने कई जनकल्याणकारी योजनाओं की घोषणा की है। इनमें सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना की राशि बढ़ाने, सरकारी अस्पतालों में गरीबों को मात्र 20 रुपये में भोजन देने, और अन्य योजनाएं शामिल हैं। ये सभी घोषणाएं विपक्ष के एजेंडे में शामिल मुद्दे थे, जिन्हें सरकार ने पहले ही हथिया लिया। तेजस्वी यादव ने इसे विपक्ष की रणनीति को कमजोर करने की साजिश बताया।
तेजस्वी ने तंज कसते हुए कहा, “जो मुख्यमंत्री पांच साल में पांच बार शपथ ले चुका हो, उसकी बातों पर कैसे भरोसा किया जा सकता है?” उन्होंने आगे कहा कि जो पहले कहा करते थे ‘नौकरी कहां से आएगी, पैसा कहां से आएगा’, आज उन्हीं से बिना बुलाए प्रेस नोट के ज़रिए रोज़ नए-नए वादे करवाए जा रहे हैं।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह सियासी वार-पलटवार बिहार में आगामी विधानसभा चुनावों की आहट का संकेत है। सत्ता और विपक्ष दोनों ही जनता को साधने की रणनीति में जुट गए हैं, लेकिन सवाल ये है कि जनता किस पर भरोसा करेगी।
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