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Bihar News: औरंगाबाद का 500 साल पुराना वटवृक्ष बना ‘विरासत वृक्ष’, लोककथा है, डाली तोड़ने पर अंधे हो जाते हैं

Published on: जून 25, 2025
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Bihar News: बिहार के औरंगाबाद जिले के मदनपुर प्रखंड स्थित सहियारी गांव का एक प्राचीन वटवृक्ष इन दिनों चर्चा में है। करीब 500 साल पुराने इस बरगद के पेड़ को बिहार सरकार ने हाल ही में ‘विरासत वृक्ष’ (Heritage Tree) के तौर पर सूचीबद्ध किया है।

यह न सिर्फ पर्यावरण की दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि ग्रामीणों की आस्था और मान्यताओं से भी गहराई से जुड़ा हुआ है।

स्थानीय लोगों के अनुसार, यह वटवृक्ष पीढ़ियों से गांव के केंद्र में स्थित है और इसके साथ कई लोककथाएं और आस्था जुड़ी हुई है। गांव वालों का मानना है कि जो कोई भी इसकी डाली तोड़ता है, वह अंधा हो जाता है।

भले ही यह वैज्ञानिक दृष्टिकोण से पुष्टि योग्य न हो, लेकिन इस मान्यता के चलते लोग बरगद को विशेष श्रद्धा के साथ देखते हैं और इसकी एक पत्ती तक नहीं तोड़ते।

सरकार द्वारा इस वृक्ष को ‘विरासत वृक्ष’ घोषित किए जाने के बाद अब इसके संरक्षण और देखरेख की जिम्मेदारी भी बढ़ गई है। वन विभाग द्वारा इस पेड़ के पास सूचना पट्ट लगाने की प्रक्रिया शुरू की जा चुकी है, जिससे इसके ऐतिहासिक महत्व की जानकारी लोगों तक पहुंच सके।

स्थानीय बुजुर्गों का कहना है कि इस वटवृक्ष के नीचे गांव में वर्षों से धार्मिक अनुष्ठान, भागवत कथा और छाया में पूजा-पाठ जैसी गतिविधियां होती रही हैं। यह वृक्ष अब आस्था के साथ-साथ राज्य के संरक्षित सांस्कृतिक धरोहर के रूप में भी पहचाना जाने लगा है।

सरकार का यह कदम पारंपरिक विरासत को पहचान देने और पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूकता फैलाने की दिशा में एक सकारात्मक पहल के रूप में देखा जा रहा है।

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Jyoti Vats

Jyoti Vats एक अनुभवी कंटेंट राइटर हैं, जिन्हें विभिन्न समाचार विषयों पर लिखने का पाँच वर्षों का अनुभव है। उन्होंने कई प्रतिष्ठित मीडिया ब्रांड्स के साथ काम किया है और वर्तमान में BiharBuzz के साथ जुड़ी हुई हैं। मास मीडिया में शिक्षा प्राप्त करने वाली ज्योति की लेखनी में गहराई और प्रभाव दोनों होता है।

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