बिहार में एक बार फिर क्रिकेट मैच के दौरान हिंसा ने खूनी रूप ले लिया है। मसौढ़ी के कोरियावा गढ़ गांव में शुक्रवार रात हुए क्रिकेट टूर्नामेंट का फाइनल मुकाबला उस वक्त खूनी झगड़े में तब्दील हो गया, जब इमलिया कादिरगंज टीम ने सोनकुकरा को हरा दिया।
मैच खत्म होने के बाद हारने वाली टीम के खिलाड़ियों ने धोखाधड़ी के आरोप लगाए और इसी बात को लेकर दोनों टीमों के समर्थकों के बीच जमकर बहस होने लगी। बहस ने देखते ही देखते तकरार का रूप ले लिया और माहौल तनावपूर्ण हो गया।
इसी दौरान 42 वर्षीय सतेंद्र कुमार मामले को शांत कराने के लिए बीच-बचाव करने पहुंचे। लेकिन विवाद बढ़ता चला गया और गुस्से में भरे एक युवक ने सतेंद्र कुमार पर गोली चला दी। गोली लगते ही सतेंद्र कुमार जमीन पर गिर पड़े और उनकी मौके पर ही मौत हो गई।
इस घटना के बाद पूरे गांव में अफरातफरी मच गई। स्थानीय लोग सदमे में हैं और गांव में मातम का माहौल है। घटना के बाद पुलिस मौके पर पहुंची और जांच शुरू कर दी गई है।
पुलिस ने बताया कि आरोपी की पहचान की जा रही है और उसकी गिरफ्तारी के लिए छापेमारी चल रही है। इसके साथ ही पूरे मामले की गंभीरता से जांच की जा रही है।
यह पहली बार नहीं है जब बिहार में क्रिकेट मैच के दौरान गोली चली हो। इससे पहले मई महीने में भी बेगूसराय में एक क्रिकेट मैच के दौरान मोहम्मद इश्तियाक नामक युवक को गोली मार दी गई थी।
लगातार हो रही ऐसी घटनाओं ने बिहार में खेल आयोजनों की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि अब खेल के मैदान में भी जान का खतरा बना हुआ है, जो बेहद चिंताजनक है।
लोगों ने मांग की है कि पुलिस ऐसे आयोजनों पर कड़ी नजर रखे और खेल आयोजनों में हथियार लाने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए।
इस ताजा घटना ने पूरे इलाके को दहला दिया है और गांव के लोग अब भी सदमे में हैं। सतेंद्र कुमार की मौत से उनके परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है। वहीं, गांव में अब भी खौफ का माहौल बना हुआ है और लोग इस बात से डरे हुए हैं कि कब कोई छोटी-सी बात हिंसक झगड़े में बदल जाए।
पुलिस का कहना है कि दोषियों को जल्द गिरफ्तार कर सख्त कार्रवाई की जाएगी ताकि ऐसी घटनाएं दोबारा न हों।
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