Bihar News: त्रिस्तरीय पंचायती राज संस्थाओं और ग्राम कचहरी के निर्वाचित जनप्रतिनिधियों की सुरक्षा को लेकर राज्य सरकार अब गंभीर दिख रही है।
इसी क्रम में एक अहम पहल करते हुए सभी जिलों के डीएम और एसपी को पत्र लिखकर यह निर्देश दिया गया है कि ऐसे जनप्रतिनिधियों के शस्त्र लाइसेंस से संबंधित आवेदनों का निपटारा समय-सीमा के भीतर किया जाए।
सरकार का मानना है कि स्थानीय स्तर पर कार्य कर रहे प्रतिनिधियों को कई बार सुरक्षा संबंधी चुनौतियों का सामना करना पड़ता है, ऐसे में उन्हें आत्मरक्षा के लिए सक्षम बनाना जरूरी है।
राज्य प्रशासन का यह निर्णय न केवल जनप्रतिनिधियों की सुरक्षा को प्राथमिकता देने का संकेत है, बल्कि यह पंचायत स्तर की संस्थाओं की ताकत और गरिमा को भी बढ़ाने का प्रयास है।
कई बार देखने को मिला है कि विवादित क्षेत्रों या संवेदनशील मुद्दों पर कार्य करने वाले प्रतिनिधियों को धमकियों या हिंसक घटनाओं का सामना करना पड़ता है।
ऐसे में उनके पास वैध शस्त्र होना न सिर्फ एक सुरक्षा कवच है बल्कि यह उनके आत्मबल को भी बढ़ाता है।डीएम और एसपी को भेजे गए पत्र में यह साफ कहा गया है कि सभी आवेदन निष्पक्षता से जांचे जाएं और नियमों के तहत जिनके पास वैध कारण हैं, उन्हें देरी किए बिना शस्त्र लाइसेंस जारी किए जाएं।
यह कदम प्रशासन की जवाबदेही और संवेदनशीलता को दर्शाता है, खासकर उस वर्ग के प्रति जो सीधे जनता के साथ जुड़ा रहता है और जमीनी स्तर पर फैसले लेता है।
अब उम्मीद की जा रही है कि यह प्रक्रिया जल्द और पारदर्शी तरीके से पूरी होगी और पंचायत स्तर के जनप्रतिनिधियों को उनका हक और सुरक्षा दोनों सुनिश्चित की जा सकेगी। इससे न केवल उनके कार्यों में प्रभावशीलता बढ़ेगी बल्कि लोकतांत्रिक प्रणाली की नींव और भी मजबूत होगी।
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