बिहार के बख्तियारपुर में एक हालिया कार्यक्रम ने न केवल विकास कार्यों को उजागर किया, बल्कि राज्य की राजनीति में संभावित बदलावों की चर्चा भी छेड़ दी। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा जल संसाधन विभाग के नवनिर्मित घाट के उद्घाटन के मौके पर उनका पुत्र निशांत कुमार भी मौजूद थे, और उनकी एक साधारण लेकिन भावनात्मक हरकत ने सबका ध्यान खींचा।
कार्यक्रम के दौरान निशांत कुमार मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और मंत्री विजय कुमार चौधरी से पहले ही पहुंच गए थे। उन्होंने सार्वजनिक रूप से पिता और मंत्री का पैर छूकर आशीर्वाद लिया। यह दृश्य पारंपरिक भारतीय मूल्यों को दर्शाने वाला था, लेकिन असली चर्चा तब शुरू हुई जब पटना के जिलाधिकारी त्यागराजन एस.एम. वहां पहुंचे।
निशांत ने जिलाधिकारी का भी पैर छूने की कोशिश की, लेकिन डीएम ने उनका हाथ पकड़ लिया और हाथ जोड़कर अभिवादन किया, जिससे मौके पर मौजूद लोग चकित रह गए। यह क्षण शिष्टाचार और आपसी सम्मान का अद्भुत उदाहरण बन गया, जिसने राजनीतिक गलियारों में नई हलचल पैदा कर दी है।
राजनीतिक विश्लेषकों के मुताबिक, यह घटना केवल एक भावनात्मक पल नहीं, बल्कि एक संकेत हो सकती है। निशांत भले ही अब तक सक्रिय राजनीति से दूर रहे हों, लेकिन उनका हर कदम अब बारीकी से देखा जा रहा है। उनके सार्वजनिक व्यवहार, सादगी और पारंपरिक मूल्यों के प्रति सम्मान ने उन्हें जनता और राजनीतिक विश्लेषकों के बीच चर्चा का विषय बना दिया है।
इस मौके पर मुख्यमंत्री ने बख्तियारपुर में गंगा किनारे बने मेरिन ड्राइव और पैदल पथ का निरीक्षण भी किया और घनाशुकपुर से रानी सराय तक निर्मित सुदृढ़ तटबंध का उद्घाटन किया। यह सब बिहार में बुनियादी ढांचे के विकास की दिशा में एक और कदम था, लेकिन असली सुर्खियां निशांत कुमार के विनम्र व्यवहार ने बटोरीं।
अब सवाल यह उठ रहा है कि क्या यह सब महज संयोग था या निशांत कुमार की राजनीति में संभावित एंट्री की एक झलक? बिहार की राजनीति में जहां हर हावभाव का विश्लेषण होता है, वहां इस घटना को महज एक पारिवारिक शिष्टाचार के रूप में देखना शायद पर्याप्त नहीं होगा।
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