बिहार की सियासत में हलचल तेज हो गई है। केंद्रीय मंत्री और लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के अध्यक्ष चिराग पासवान ने शुक्रवार को राज्यपाल से मुलाकात कर राजनीतिक मुद्दों पर चर्चा की। इस दौरान उन्होंने स्पष्ट कर दिया कि एनडीए में सीट बंटवारे को लेकर जल्द ही अंतिम फैसला लिया जाएगा।
चिराग पासवान ने बातचीत में 2020 विधानसभा चुनाव का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि अगर उस समय उनकी पार्टी ने अलग से चुनाव नहीं लड़ा होता, तो राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) कई सीटें जीतने से चूक जाती। उन्होंने दावा किया कि जिन सीटों पर उनकी पार्टी के उम्मीदवार मैदान में थे, वहां आरजेडी को अप्रत्याशित जीत मिली।
चिराग पासवान ने यह भी बताया कि 5 जुलाई को उनके पिता, स्वर्गीय रामविलास पासवान की जयंती को खास कार्यक्रम के रूप में मनाया जाएगा। इस दिन पार्टी की ओर से राज्य भर में श्रद्धांजलि सभाएं आयोजित की जाएंगी और सामाजिक कार्यक्रम भी होंगे। उन्होंने कहा कि यह अवसर उनके लिए बेहद भावनात्मक है और पार्टी कार्यकर्ता इसे पूरे जोश के साथ मनाएंगे।
इसके अलावा चिराग ने VETO संगठन की पहल का जिक्र भी किया, जो ‘बिहार फर्स्ट’ के विजन के तहत राज्य में एक विश्वविद्यालय स्थापित करने की योजना पर काम कर रहा है। उन्होंने कहा कि इस परियोजना से बिहार के युवाओं को उच्च शिक्षा में नए अवसर मिलेंगे और यह राज्य के विकास में अहम भूमिका निभाएगा।
पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी द्वारा उन पर लगाए गए अनुभवहीनता के आरोपों पर भी चिराग ने संयमित प्रतिक्रिया दी। उन्होंने मांझी को ‘बुजुर्ग’ और ‘संरक्षक’ की तरह मानते हुए कहा कि वे सभी वरिष्ठ नेताओं का सम्मान करते हैं और पार्टी की एकजुटता को प्राथमिकता देते हैं।
चिराग पासवान ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की भी जमकर तारीफ की। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री को घाना के सर्वोच्च नागरिक सम्मान से नवाजा जाना पूरे देश के लिए गर्व की बात है। उन्होंने इस सम्मान को भारत की बढ़ती अंतरराष्ट्रीय साख का प्रतीक बताया और कहा कि इससे भारत का गौरव बढ़ा है।
इस मुलाकात के बाद बिहार की राजनीति में नए समीकरणों की चर्चा तेज हो गई है। खासतौर पर एनडीए में सीट बंटवारे को लेकर सभी दलों की नजरें अब चिराग पासवान के अगले कदम पर टिकी हैं। उनके तेवर से साफ है कि वे अब बिहार की राजनीति में बड़ी भूमिका निभाने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं।
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