Munger News: मुंगेर जिले के मिर्जापुर पंचायत के अंतर्गत आने वाले बरदाह गाँव के निवासी आजादी के सात दशक बाद भी बुनियादी सुविधाओं के अभाव से जूझ रहे हैं। शिक्षा, स्वच्छता, यातायात और रोजगार जैसी मूलभूत आवश्यकताओं की कमी ने गाँव के दो हजार से अधिक परिवारों के जीवन को कठिन बना दिया है।
गाँव के स्कूलों में शिक्षकों की कमी के कारण बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा नहीं मिल पा रही है। जर्जर सड़कें यातायात को दूभर बना देती हैं, जबकि नालों के जाम होने से पूरे गाँव में सड़ांध फैल जाती है। स्वच्छ भारत मिशन के बावजूद पाँच सौ से अधिक परिवार आज भी शौचालय की सुविधा से वंचित हैं।
बरदाह गाँव की लगभग बीस हजार की आबादी मुख्यतः मजदूरी पर निर्भर है। रोजगार के अवसरों की कमी के कारण अधिकांश युवाओं को आजीविका की तलाश में अन्य राज्यों में पलायन करना पड़ता है। ग्रामीणों का कहना है कि स्थानीय स्तर पर रोजगार के साधन उपलब्ध होने से उनके जीवन स्तर में सुधार हो सकता है।
स्थानीय प्रशासन से ग्रामीणों ने समस्याओं के समाधान की मांग की है। गाँव वालों का कहना है कि स्कूलों में शिक्षकों की नियुक्ति, सड़कों की मरम्मत, नालों की सफाई और शौचालय निर्माण जैसी बुनियादी सुविधाएँ उपलब्ध कराने से उनके जीवन में काफी सुधार आ सकता है।
इस गाँव की स्थिति आजादी के सात दशक बाद भी देश के ग्रामीण क्षेत्रों में विकास की धीमी गति को उजागर करती है। प्रशासन की ओर से त्वरित कार्रवाई ही इस क्षेत्र के निवासियों के जीवन स्तर में सुधार ला सकती है।
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