Patna News: पटना में मानसून की पहली बारिश ने नगर निगम और निर्माण एजेंसियों की पोल खोल दी है। शहर की कई सड़कें जर्जर हो चुकी हैं, जिनमें राजीव नगर का मामला सबसे गंभीर है। यहां नाले के पास की सड़क बारिश के चलते धंस गई है, जबकि यह सड़क ‘नमामि गंगे’ जैसी बड़ी परियोजना के तहत बनी थी।
लगातार बारिश से सड़कों पर पानी और कीचड़ भर गया है। कई जगहों पर गड्ढे इतने बड़े हो गए हैं कि वाहन चालकों और राहगीरों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
राजीवनगर नाला के पास की सड़क पूरी तरह से धंसी हुई नजर आ रही है। यह वही सड़क है, जिसे हाल ही में नमामि गंगे प्रोजेक्ट के तहत बनाया गया था। लोगों का आरोप है कि निर्माण के समय घटिया सामग्री का इस्तेमाल किया गया और गुणवत्तापूर्ण निगरानी नहीं हुई।
स्थानीय निवासियों ने बताया कि निर्माण के कुछ ही महीनों बाद से ही सड़क में दरारें दिखने लगी थीं। लेकिन शिकायतों के बावजूद विभाग ने इसे नजरअंदाज किया।
सड़क धंसने की वजह से अब जलनिकासी व्यवस्था भी बाधित हो गई है। इससे आसपास के इलाकों में जलजमाव की स्थिति और भी गंभीर हो गई है।
लोगों ने निर्माण एजेंसी पर कार्रवाई की मांग की है और साथ ही संबंधित विभाग की जवाबदेही तय करने की भी बात कही है। उनका कहना है कि जनता का पैसा यूं बर्बाद करना अपराध के बराबर है।
नगर निगम की तरफ से अभी तक कोई ठोस प्रतिक्रिया नहीं आई है। लेकिन सूत्रों के मुताबिक विभाग ने एजेंसी से रिपोर्ट मांगी है।
पटना के नागरिक अब पूछ रहे हैं — जब एक राष्ट्रीय योजना के तहत बनी सड़क मानसून नहीं झेल सकती, तो बाकी विकास कार्यों पर कितना भरोसा किया जाए?
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