Bihar News: बिहार में बदलाव यात्रा पर निकले चुनाव रणनीतिकार से नेता बने प्रशांत किशोर ने समस्तीपुर में एक जनसभा को संबोधित करते हुए जनता से भावुक अपील की। उन्होंने कहा कि अब समय आ गया है कि लोग नेता का चेहरा नहीं, अपने बच्चों के भविष्य और रोजगार के मुद्दे को देखकर मतदान करें।
जनसभा में उन्होंने कहा, “नेता कितने बड़े हैं, कितना नाम है, इससे फर्क नहीं पड़ता। आपके बच्चे स्कूल जा पा रहे हैं या नहीं, नौकरी मिल रही है या नहीं – वोट इन्हीं बातों पर होना चाहिए।”
प्रशांत किशोर ने सीधे तौर पर बिहार की राजनीति पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि सालों से नेता बदलते रहे, लेकिन गरीब की हालत नहीं बदली। लोग जाति और चेहरे देखकर वोट देते रहे, और नेता सिर्फ वादे करते रहे।
उन्होंने अपनी ‘जन सुराज’ यात्रा के मकसद को दोहराया, जिसका उद्देश्य बिहार में जमीनी स्तर पर जागरूकता फैलाना और एक विकल्प खड़ा करना है। किशोर ने कहा कि जब तक जनता समझदारी से वोट नहीं देगी, तब तक बदलाव नहीं आएगा।
उन्होंने यह भी बताया कि वे रोज़ाना गांव-गांव जाकर लोगों से मिल रहे हैं, उनकी समस्याएं सुन रहे हैं और यही उनकी राजनीति की असली ताकत बनेगी।
सभा में बड़ी संख्या में लोग मौजूद थे, जिनमें युवा वर्ग की भागीदारी सबसे अधिक देखी गई। उन्होंने रोजगार, शिक्षा और भ्रष्टाचार को लेकर भी कई सवाल पूछे, जिनका किशोर ने खुलकर जवाब दिया।
जनसभा के अंत में उन्होंने एक बार फिर दोहराया – “वोट उस नेता को दें जो आपके बच्चे की पढ़ाई और आपके घर के रोज़गार के लिए काम करे, न कि उस नेता को जो सिर्फ भाषण देना जानता है।”
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