बिहार में आगामी विधानसभा आम निर्वाचन 2025 की तैयारियों को लेकर प्रशासन ने कमर कस ली है। इसी कड़ी में 25 जून 2025 से विशेष गहन पुनरीक्षण अभियान की शुरुआत हो चुकी है, जो पूरे राज्य में बड़े पैमाने पर चलाया जा रहा है।
इस प्रक्रिया के तहत मतदान केंद्र पदाधिकारी घर-घर जाकर मतदाताओं की गणना और सत्यापन का कार्य कर रहे हैं, ताकि मतदाता सूची को सही, अद्यतन और पारदर्शी बनाया जा सके।
यह अभियान न सिर्फ नए मतदाताओं को जोड़ने का मौका है, बल्कि उन नामों को हटाने या ठीक करने का भी अवसर है जो अब अमान्य हो चुके हैं या किसी कारणवश गलत तरीके से दर्ज हैं।
निर्वाचन आयोग इस बार पूरी कोशिश कर रहा है कि कोई भी पात्र नागरिक मतदान के अधिकार से वंचित न रह जाए।इस दौरान युवाओं पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है जो पहली बार मतदाता सूची में शामिल हो सकते हैं।
उन्हें जागरूक किया जा रहा है कि वे अपने पहचान से संबंधित आवश्यक दस्तावेज उपलब्ध कराएं और फॉर्म भरने की प्रक्रिया को समय पर पूरा करें।
अभियान में पंचायत स्तर से लेकर जिला स्तर तक के अधिकारी और कर्मी सक्रिय रूप से लगे हुए हैं। प्रशासन ने यह भी साफ किया है कि किसी प्रकार की लापरवाही या चूक बर्दाश्त नहीं की जाएगी। सभी जिलों में निगरानी टीमों का गठन किया गया है जो कार्य की गति और गुणवत्ता की समीक्षा कर रही हैं।
बिहार जैसे बड़े और राजनीतिक रूप से जागरूक राज्य में चुनाव प्रक्रिया की पारदर्शिता और विश्वसनीयता को बनाए रखना एक बड़ी जिम्मेदारी है।
ऐसे में यह विशेष गहन पुनरीक्षण अभियान एक अहम कदम है जो मतदाता सूची को त्रुटिहीन बनाने की दिशा में निर्णायक भूमिका निभा सकता है। जनता की भागीदारी जितनी सक्रिय होगी, लोकतंत्र उतना ही मजबूत होगा।
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