भारत और नेपाल की सीमा पर स्थित रक्सौल से लेकर पश्चिम बंगाल के हल्दिया तक बनने वाली नई सड़क परियोजना आने वाले समय में दोनों देशों के लिए विकास की एक मजबूत कड़ी साबित हो सकती है।
यह सड़क बिहार के मोतिहारी, शिवहर, दरभंगा, मुजफ्फरपुर, समस्तीपुर, बेगूसराय, खगड़िया, लखीसराय, जमुई, बांका, मुंगेर होते हुए झारखंड के देवघर और दुमका से गुजरते हुए पश्चिम बंगाल के आसनसोल-दुर्गापुर और अंत में हल्दिया तक पहुंचेगी।
यह परियोजना कई जिलों को जोड़ने के साथ-साथ क्षेत्रीय व्यापार और आवाजाही को भी नई दिशा देगी।
इस सड़क से भारत और नेपाल के बीच व्यापारिक संपर्क और मजबूत होंगे, जिससे सीमावर्ती इलाकों को प्रत्यक्ष रूप से लाभ मिलेगा। खासकर बिहार और झारखंड के कई पिछड़े इलाके इस परियोजना के माध्यम से मुख्यधारा से जुड़ सकेंगे।
स्थानीय लोगों के लिए न सिर्फ यात्रा सुविधाजनक होगी बल्कि उन्हें रोजगार और व्यापार के नए अवसर भी मिलेंगे। यह मार्ग औद्योगिक शहरों और बंदरगाहों से जुड़ने की सुविधा देगा, जिससे माल ढुलाई में भी समय और लागत की बचत होगी।
इसके अलावा यह सड़क रक्षा की दृष्टि से भी अहम मानी जा रही है, क्योंकि सीमाई क्षेत्रों में तेज़ और सुरक्षित आवाजाही हमेशा रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण होती है।
सरकार इस सड़क को उच्च गुणवत्ता और आधुनिक तकनीक से बनाने की दिशा में काम कर रही है ताकि लंबे समय तक इसका लाभ लिया जा सके।
इस पूरी परियोजना से यह साफ जाहिर होता है कि सरकार सीमावर्ती और आंतरिक क्षेत्रों को एक मजबूत नेटवर्क से जोड़ने के लिए गंभीर है। जब यह सड़क बनकर तैयार होगी, तब न केवल भारत और नेपाल के बीच दोस्ती और व्यापार को गति मिलेगी, बल्कि इससे जुड़े राज्यों की आर्थिक स्थिति भी सशक्त होगी।
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