Bhagalpur News: भागलपुर के तिलका मांझी भागलपुर विश्वविद्यालय (टीएमबीयू) में इन दिनों गहमागहमी का माहौल है। कुलपति प्रोफेसर जवाहर लाल के मुख्यालय से बाहर रहने के कारण विश्वविद्यालय में प्रस्तावित धरना कार्यक्रम को फिलहाल टाल दिया गया है। सिंडिकेट के सदस्य पिछले कई दिनों से कुलपति कार्यालय के समक्ष लगातार धरने पर बैठे हुए थे।
धरना देने वाले सदस्यों की मुख्य मांग यही है कि कुलपति विश्वविद्यालय के प्रशासनिक भवन में नियमित रूप से बैठें और वहीं से तमाम कार्यों का निष्पादन करें। उनका कहना है कि विश्वविद्यालय के तमाम कार्य लंबे समय से प्रभावित हो रहे हैं, जिससे छात्रों और कर्मचारियों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
सिंडिकेट सदस्य डॉ. मुस्फिक आलम, डॉ. केके मंडल और निर्लेश कुमार इस धरना आंदोलन का नेतृत्व कर रहे हैं। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा है कि कुलपति को विश्वविद्यालय परिसर में बैठकर ही सभी प्रशासनिक कार्यों का निपटारा करना चाहिए, ताकि कामकाज में पारदर्शिता बनी रहे और समय पर फैसले लिए जा सकें।
पिछले दो दिनों से इन सदस्यों का धरना विश्वविद्यालय प्रशासनिक भवन के बाहर जारी था। धरने की वजह से विश्वविद्यालय में हलचल मची रही और छात्र-छात्राओं के बीच भी इस आंदोलन को लेकर चर्चा का माहौल बना हुआ था।
हालांकि, कुलपति के मुख्यालय से बाहर रहने की जानकारी मिलने के बाद फिलहाल धरना स्थगित कर दिया गया है। आंदोलनकारी सदस्यों ने साफ कर दिया है कि कुलपति के मुख्यालय लौटने के बाद यदि उनकी मांगें नहीं मानी जातीं, तो वे दोबारा आंदोलन शुरू करेंगे।
इस पूरे घटनाक्रम से विश्वविद्यालय प्रशासन असमंजस की स्थिति में नजर आ रहा है। एक ओर अधिकारी वर्ग इस मुद्दे पर चुप्पी साधे हुए है, तो दूसरी ओर सिंडिकेट के सदस्य अपने रुख पर कायम हैं।
फिलहाल विश्वविद्यालय में अस्थायी रूप से शांति बनी हुई है, लेकिन छात्रों से लेकर शिक्षकों तक सभी की नजरें अब कुलपति के फैसले पर टिकी हुई हैं। आने वाले दिनों में यह देखना दिलचस्प होगा कि कुलपति इस विवाद पर क्या रुख अपनाते हैं और आंदोलन की स्थिति फिर से बनती है या नहीं।
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