Bihar Politics: बिहार बंद का व्यापक असर, पटना और सीवान समेत कई जिलों में सड़कों पर उतरे एनडीए कार्यकर्ता

पटना, सीवान, आरा और आसपास के क्षेत्रों में सुबह से ही सड़कें जाम रहीं और आम जनजीवन पर सीधा असर दिखाई दिया।

Sep 4, 2025 - 09:24
Sep 5, 2025 - 20:56
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Bihar Politics: बिहार बंद का व्यापक असर, पटना और सीवान समेत कई जिलों में सड़कों पर उतरे एनडीए कार्यकर्ता

Bihar Politics: बिहार की सियासत में आज एक बार फिर गर्मी देखने को मिली जब राज्य के कई जिलों में बंद का ऐलान किया गया। पटना, सीवान, आरा और आसपास के क्षेत्रों में सुबह से ही सड़कें जाम रहीं और आम जनजीवन पर सीधा असर दिखाई दिया। बंद का नेतृत्व एनडीए कार्यकर्ताओं ने किया जिन्होंने सड़कों पर उतरकर सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन किया।

पटना के प्रमुख इलाकों में सुबह से ही बंद का असर दिखने लगा। कई जगहों पर बाजार बंद रहे, दुकानें खुली नहीं और सार्वजनिक परिवहन भी प्रभावित रहा। सीवान में एनडीए कार्यकर्ताओं ने सड़क जाम कर प्रदर्शन किया जिससे राहगीरों और यात्रियों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा। रेलवे ट्रैफिक पर भी आंशिक असर पड़ा और बस सेवाएं बाधित हुईं।

एनडीए नेताओं का कहना है कि यह बंद जनता की आवाज को उठाने के लिए है। उनका आरोप है कि सरकार आम लोगों की समस्याओं को लगातार नजरअंदाज कर रही है। महंगाई, बेरोजगारी और भ्रष्टाचार जैसे मुद्दों पर जनता परेशान है, लेकिन समाधान कहीं नजर नहीं आ रहा। कार्यकर्ताओं ने साफ कहा कि जब तक सरकार उनकी मांगें नहीं सुनती तब तक इस तरह के आंदोलन जारी रहेंगे।

बंद के दौरान कई जगह पुलिस और कार्यकर्ताओं के बीच हल्की झड़प की भी खबरें आईं। हालांकि, प्रशासन ने स्थिति को संभालने की कोशिश की और जगह-जगह सुरक्षा बलों की तैनाती की गई। पुलिस ने अपील की कि आंदोलन शांतिपूर्ण ढंग से किया जाए ताकि आम लोगों को कम से कम असुविधा हो।

बंद का असर आम जनता पर भी गहराई से पड़ा। सुबह से ही लोग अपने कामकाज और यात्राओं में अटके रहे। कई परीक्षाएं और कार्यक्रम प्रभावित हुए। बच्चों को स्कूल ले जाना मुश्किल हो गया और मरीजों को अस्पताल तक पहुंचने में भी दिक्कतों का सामना करना पड़ा।

यह साफ है कि बिहार बंद ने राज्य की राजनीति में एक और हलचल मचा दी है। एनडीए कार्यकर्ताओं का यह प्रदर्शन आने वाले चुनावों से पहले सरकार के लिए एक बड़ा संदेश माना जा रहा है। अब देखना यह होगा कि बंद के बाद सरकार किस तरह प्रतिक्रिया देती है और जनता की समस्याओं के समाधान की दिशा में क्या कदम  उठाती है।