Bihar Politics: संसद में SIR को लेकर विपक्ष का हंगामा, सरकार पर जवाबदेही से बचने का आरोप
आज यही 6 अगस्त को संसद में बिहार में मतदाता सूची के स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) को लेकर विपक्षी दलों ने जोरदार विरोध प्रदर्शन किया।

आज यही 6 अगस्त को संसद में बिहार में मतदाता सूची के स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) को लेकर विपक्षी दलों ने जोरदार विरोध प्रदर्शन किया। विपक्ष ने सरकार पर आरोप लगाया कि वह इस मुद्दे पर जवाबदेही से बच रही है।
कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा ने सरकार की इस मामले पर चर्चा न करने की अनिच्छा की आलोचना की। उन्होंने कहा कि अगर संसद में इस पर बहस हो जाती, तो मुद्दा आसानी से सुलझ सकता था। डीएमके सांसद कनिमोझी और अन्य कांग्रेस नेताओं ने भी यही रुख अपनाते हुए कहा कि चुनाव सुधार पर चर्चा करना लोकतंत्र के लिए बेहद जरूरी है।
विपक्ष के हंगामे पर केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने जवाब देते हुए कहा कि संसद में किसी भी मुद्दे पर चर्चा हो सकती है, लेकिन SIR पूरी तरह से चुनाव आयोग का विषय है और इस पर संसद में बहस नहीं हो सकती। उन्होंने स्पष्ट किया कि यह प्रक्रिया संवैधानिक है और चुनाव आयोग की जिम्मेदारी है।
चुनाव आयोग की ओर से जानकारी दी गई कि 1 अगस्त को ड्राफ्ट मतदाता सूची प्रकाशित होने के बाद किसी भी राजनीतिक दल ने अब तक कोई दावा या आपत्ति दर्ज नहीं की है। हालांकि, आयोग को सीधे 3,659 दावे मतदाताओं की ओर से प्राप्त हुए हैं।
विपक्ष का आरोप है कि यह प्रक्रिया बड़ी संख्या में मतदाताओं के नाम काटने का रास्ता खोल सकती है, जिससे लोकतांत्रिक अधिकारों का हनन होगा। इसी कारण से मानसून सत्र के दौरान लगातार विरोध और नारेबाजी जारी है। कांग्रेस और अन्य INDIA गठबंधन के दलों का कहना है कि सरकार इस पर खुलकर जवाब देने से बच रही है, जबकि यह मतदाताओं के अधिकारों से जुड़ा गंभीर मामला है।