Banka News: सड़क के इंतज़ार में डूमरहार, बारिश में कीचड़ और धूल से जूझते ग्रामीण
Banka डूमरहार। प्रखंड क्षेत्र का डूमरहार गांव आज भी एक अदद पक्की सड़क के लिए तरस रहा है। विकास के तमाम दावों के बीच इस गांव के लोगों की जिंदगी अब भी कच्ची और टूटी सड़कों के सहारे गुजर रही है।

Banka डूमरहार। प्रखंड क्षेत्र का डूमरहार गांव आज भी एक अदद पक्की सड़क के लिए तरस रहा है। विकास के तमाम दावों के बीच इस गांव के लोगों की जिंदगी अब भी कच्ची और टूटी सड़कों के सहारे गुजर रही है। ग्रामीणों का कहना है कि बरसों से वे पक्की सड़क की मांग करते आ रहे हैं, लेकिन अब तक उनकी सुनवाई नहीं हुई।
बारिश के दिनों में हालात और भी खराब हो जाते हैं। गली-कूचों में कीचड़ भर जाता है, जिससे बच्चों का स्कूल जाना और बीमारों का अस्पताल पहुंचना बेहद मुश्किल हो जाता है। वहीं, गर्मियों में यही रास्ते धूल के बादलों में बदल जाते हैं, जिससे लोगों को सांस की दिक्कत और आंखों में जलन की समस्या झेलनी पड़ती है। कई बार वाहन फंस जाने से लोगों को घंटों परेशानी का सामना करना पड़ता है।
गांव के बुजुर्ग बताते हैं कि कई बार पंचायत से लेकर जिला प्रशासन तक ज्ञापन दिए गए, नेताओं से मुलाकात की गई, लेकिन हर बार आश्वासन के सिवा कुछ नहीं मिला। चुनाव के समय पक्की सड़क का वादा तो किया जाता है, लेकिन जीत के बाद कोई इस ओर ध्यान नहीं देता।
महिलाओं का कहना है कि सड़क की समस्या उनके रोजमर्रा के कामों को भी प्रभावित करती है। बाजार जाने, बच्चों को डॉक्टर के पास ले जाने या किसी आपात स्थिति में मदद पहुंचाने में काफी दिक्कत होती है। ग्रामीणों का कहना है कि अगर जल्द ही सड़क नहीं बनी तो वे आंदोलन करने को मजबूर होंगे।
डूमरहार का यह हाल न केवल सरकारी उदासीनता को उजागर करता है, बल्कि यह भी दिखाता है कि बुनियादी सुविधाओं की कमी आज भी कई गांवों को विकास की दौड़ से पीछे धकेल रही है। अब देखना होगा कि प्रशासन कब इनकी आवाज सुनता है और गांव के लोगों को पक्की सड़क की सौगात मिलती है।