Katihar News: खतरे के निशान से ऊपर बह रही गंगा-कोसी समेत चार नदियाँ, 113 नावों का हो रहा परिचालन

कटिहार जिले में बाढ़ की स्थिति लगातार गंभीर होती जा रही है। गंगा, कोसी, बरंडी और महानंदा नदियाँ खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं

Aug 19, 2025 - 08:19
Aug 22, 2025 - 22:29
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Katihar News: खतरे के निशान से ऊपर बह रही गंगा-कोसी समेत चार नदियाँ, 113 नावों का हो रहा परिचालन

Katihar News: कटिहार जिले में बाढ़ की स्थिति लगातार गंभीर होती जा रही है। गंगा, कोसी, बरंडी और महानंदा नदियाँ खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं, जिससे निचले इलाकों में रहने वाले लोगों की परेशानी बढ़ गई है। पानी का स्तर बढ़ने से कई गांवों का सड़क संपर्क टूट गया है और लोग नावों पर निर्भर हो गए हैं। जिला प्रशासन ने हालात को देखते हुए राहत और बचाव के लिए 113 नावों का परिचालन शुरू कर दिया है ताकि लोगों को सुरक्षित स्थानों तक पहुंचाया जा सके।

नदियों के उफान ने किसानों की चिंता और बढ़ा दी है। खेतों में खड़ी फसलें पानी में डूबने लगी हैं, जिससे भारी नुकसान की आशंका है। वहीं जिन इलाकों में घरों में पानी घुस गया है, वहां लोग बेघर होकर ऊंची जगहों पर शरण लेने को मजबूर हो गए हैं। कई परिवार अपने बच्चों और बूढ़े सदस्यों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने के लिए प्रशासन की मदद का इंतजार कर रहे हैं।

प्रशासन ने बाढ़ग्रस्त इलाकों में तैनात टीमों को सतर्क रहने का निर्देश दिया है। आपदा प्रबंधन दल के साथ-साथ स्थानीय स्वयंसेवी भी राहत कार्यों में सहयोग कर रहे हैं। नावों की मदद से न केवल लोगों को सुरक्षित निकाला जा रहा है बल्कि जरूरत का सामान, दवा और राशन भी उपलब्ध कराया जा रहा है। स्वास्थ्य विभाग ने भी बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में टीम भेजी है ताकि बीमारी फैलने से पहले ही नियंत्रण किया जा सके।

गांवों में फंसे लोग लगातार प्रशासन से मदद की गुहार लगा रहे हैं। बच्चों के लिए दूध और महिलाओं के लिए जरूरी सामग्री पहुंचाना बड़ी चुनौती बन गई है। हालांकि प्रशासन का दावा है कि हालात पर लगातार नजर रखी जा रही है और किसी को भी असुविधा न हो, इसके लिए हर संभव कदम उठाए जा रहे हैं।

नदियों का जलस्तर कब तक कम होगा, यह कहना मुश्किल है, लेकिन फिलहाल लोगों के सामने सबसे बड़ी चुनौती सुरक्षित रहना और अपने परिवार को बचाना है। बाढ़ का यह संकट न केवल जीवन को प्रभावित कर रहा है बल्कि आने वाले समय में रोज़गार और आजीविका पर भी गहरा असर छोड़ सकता है।