INDIA गठबंधन से बाहर हुई AAP, संजय सिंह और केजरीवाल ने बीजेपी पर गरीबों को उजाड़ने का लगाया बड़ा आरोप
आम आदमी पार्टी (AAP) ने आधिकारिक रूप से घोषणा की है कि वह अब INDIA गठबंधन का हिस्सा नहीं है। पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने यह स्पष्ट किया कि 2024 के लोकसभा चुनावों के साथ ही AAP और गठबंधन का संबंध समाप्त हो गया है...

आम आदमी पार्टी (AAP) ने आधिकारिक रूप से घोषणा की है कि वह अब INDIA गठबंधन का हिस्सा नहीं है। पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने यह स्पष्ट किया कि 2024 के लोकसभा चुनावों के साथ ही AAP और गठबंधन का संबंध समाप्त हो गया है, और आगे की राजनीति अब पार्टी अपने दम पर करेगी।
संजय सिंह ने केंद्र सरकार की नीतियों पर कड़ा प्रहार करते हुए कहा कि बिहार, उत्तर प्रदेश और पूर्वांचल जैसे क्षेत्रों में घरों और दुकानों को तोड़े जाने की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं। उन्होंने इन कार्रवाइयों को जनविरोधी बताते हुए कहा कि AAP इस मुद्दे को आगामी मानसून सत्र (21 जुलाई से 21 अगस्त) में संसद के पटल पर मजबूती से उठाएगी।
इसी बीच AAP के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी बीजेपी पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने दिल्ली में चल रही कथित झुग्गी बस्तियों की तोड़फोड़ को लेकर बीजेपी सरकार को जिम्मेदार ठहराया और आरोप लगाया कि सत्ता में आते ही बीजेपी ने गरीबों को बेघर करना शुरू कर दिया है।
केजरीवाल ने कहा कि चुनावों से पहले उन्होंने जनता को चेतावनी दी थी कि अगर बीजेपी सत्ता में आई, तो वह आम लोगों पर कहर बरपाएगी। लेकिन उन्हें यह अंदाजा नहीं था कि ये कार्रवाई इतनी जल्दी और इतने बड़े स्तर पर शुरू हो जाएगी। उन्होंने दावा किया कि बीजेपी ने सिर्फ पांच महीनों में ही दिल्ली का बुरा हाल कर दिया है।
AAP के नेताओं ने यह भी कहा कि वे संसद में ‘जनता के घर तोड़े जाने’ के खिलाफ आवाज़ बुलंद करेंगे, और सरकार को इन कार्रवाइयों का जवाब देना होगा। संजय सिंह ने आरोप लगाया कि गरीबों को निशाना बनाकर सरकारी बुलडोज़र चलाया जा रहा है, और इसे विकास के नाम पर अन्याय बताया।
AAP के INDIA गठबंधन से अलग होने और बीजेपी के खिलाफ इस आक्रामक रुख ने आने वाले समय में देश की राजनीति को एक नया मोड़ दे दिया है। जहां एक ओर विपक्ष में एकजुटता पर सवाल उठ रहे हैं, वहीं AAP खुद को जनता के असली प्रतिनिधि के रूप में पेश करने में जुटी है।
अब यह देखना दिलचस्प होगा कि मानसून सत्र में AAP इन मुद्दों पर किस हद तक सरकार को घेर पाती है और क्या विपक्षी दल इस बार एकजुट होकर सरकार से जवाब मांगेंगे या नहीं।