तेजस्वी यादव का बड़ा आरोप: वोटर लिस्ट संशोधन में गड़बड़ी, EC पर लगाया NDA को फायदा पहुंचाने का आरोप

बिहार की राजनीति में एक बार फिर गर्माहट आ गई है, जहां राजद नेता तेजस्वी यादव ने चुनाव आयोग (EC) पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा है कि...

Aug 4, 2025 - 22:23
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तेजस्वी यादव का बड़ा आरोप: वोटर लिस्ट संशोधन में गड़बड़ी, EC पर लगाया NDA को फायदा पहुंचाने का आरोप

बिहार की राजनीति में एक बार फिर गर्माहट आ गई है, जहां राजद नेता तेजस्वी यादव ने चुनाव आयोग (EC) पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा है कि राज्य में स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) प्रक्रिया में भारी गड़बड़ियां हो रही हैं और यह आम मतदाताओं को वंचित करने की सोची-समझी साजिश है।

एक प्रेस कांफ्रेंस में तेजस्वी यादव ने चुनाव आयोग के उस दावे पर सवाल उठाया जिसमें कहा गया है कि राज्य के 7.90 करोड़ मतदाताओं में से 80% से अधिक का कवरेज हो चुका है और 25 जुलाई तक प्रक्रिया पूरी हो जाएगी। तेजस्वी ने इस दावे को भ्रमित करने वाला बताया और कहा कि लाखों बिहारी देश के दूसरे हिस्सों में रह रहे हैं, जिनकी गिनती नहीं हो पा रही है।

तेजस्वी ने यह भी आरोप लगाया कि EC ने सुप्रीम कोर्ट के उस महत्वपूर्ण सुझाव की अनदेखी की, जिसमें 2003 की मतदाता सूची से गायब लोगों के लिए आधार और राशन कार्ड को मान्य दस्तावेज मानने की बात कही गई थी। उन्होंने कहा कि आयोग अब तक इस दिशा में कोई ठोस कदम नहीं उठा पाया है।

उन्होंने आरोप लगाया कि बूथ लेवल अधिकारियों पर टारगेट पूरा करने का दबाव डाला जा रहा है, जिससे सत्यापन की प्रक्रिया अधूरी रह जा रही है। कई स्थानों पर नामांकन फॉर्म भी सही से नहीं भरे जा रहे, जिससे लोगों के नाम लिस्ट से हटने की आशंका बढ़ गई है।

तेजस्वी यादव ने दावा किया कि यह पूरा अभियान NDA को फायदा पहुंचाने के लिए डिज़ाइन किया गया है, ताकि उन समुदायों और वर्गों के वोट काटे जा सकें जो NDA के विरोधी माने जाते हैं।

उन्होंने बीजेपी पर भी तंज कसा कि जो पार्टी अवैध प्रवासियों को हटाने की बात करती है, वही चुनावों में उन्हीं इलाकों में अधिक मत प्रतिशत हासिल करती नजर आती है। तेजस्वी का इशारा था कि बीजेपी के “फर्जी वोटर हटाओ” अभियान सिर्फ एक राजनीतिक हथकंडा है, जिसमें वास्तविक सुधार की भावना कम और वोट बैंक की राजनीति अधिक है।

तेजस्वी यादव की ये टिप्पणियां बिहार की राजनीति में नया विवाद पैदा कर सकती हैं, खासकर तब जब SIR प्रक्रिया अब अपने आखिरी चरण में है। यह देखना दिलचस्प होगा कि EC इन आरोपों पर क्या प्रतिक्रिया देता है और क्या किसी जांच या सुधारात्मक कदम की घोषणा होती है।