Bihar News: मदरसा शिक्षकों को बुलाकर टोपी पहनने से इनकार, नीतीश पर बरसे तेजस्वी यादव
बिहार की राजनीति में एक बार फिर नया विवाद खड़ा हो गया है। इस बार मुद्दा बना है मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का एक कार्यक्रम, जिसमें मदरसा शिक्षकों को बुलाया गया था।

बिहार की राजनीति में एक बार फिर नया विवाद खड़ा हो गया है। इस बार मुद्दा बना है मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का एक कार्यक्रम, जिसमें मदरसा शिक्षकों को बुलाया गया था। कार्यक्रम के दौरान उन्हें टोपी पहनाने की कोशिश की गई लेकिन मुख्यमंत्री ने इसे स्वीकार नहीं किया। इस घटना ने विपक्ष को सरकार पर निशाना साधने का मौका दे दिया और राजद नेता तथा पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने सीएम नीतीश पर तीखा हमला बोला।
तेजस्वी यादव ने आरोप लगाया कि नीतीश कुमार का यह व्यवहार न सिर्फ असंवेदनशील है बल्कि इससे समाज के एक बड़े तबके की भावनाएं आहत हुई हैं। उन्होंने कहा कि जब मदरसा शिक्षकों को सम्मान देने के लिए बुलाया गया था तो टोपी पहनने से इनकार करना उनके सम्मान के साथ खिलवाड़ है। तेजस्वी ने इसे नीतीश कुमार की दोहरी राजनीति बताया और कहा कि सत्ता बचाने के लिए वे कभी बीजेपी तो कभी दूसरे दलों के साथ जाते हैं, लेकिन हर बार इसका खामियाजा आम जनता और अल्पसंख्यक वर्ग को भुगतना पड़ता है।
इस बयानबाज़ी के बाद राजनीतिक गलियारों में हलचल तेज हो गई है। सत्तारूढ़ जेडीयू के नेताओं का कहना है कि नीतीश कुमार ने किसी का अपमान नहीं किया, बल्कि यह उनकी व्यक्तिगत पसंद थी। उनका तर्क है कि मुख्यमंत्री हमेशा सभी धर्मों और समुदायों का सम्मान करते आए हैं और विपक्ष बेवजह मामले को तूल दे रहा है।
राजनीतिक विशेषज्ञ मानते हैं कि यह विवाद महज टोपी पहनने-न पहनने का नहीं है, बल्कि इसके पीछे आने वाले चुनाव की राजनीति छिपी है। बिहार की राजनीति में अल्पसंख्यक वोट बैंक हमेशा से अहम रहा है और इसी को लेकर बयानबाज़ी की जा रही है। तेजस्वी यादव इस मुद्दे को उठाकर सीधे उस वर्ग को साधने की कोशिश कर रहे हैं, जो अक्सर चुनावी नतीजों पर निर्णायक प्रभाव डालता है।
कुल मिलाकर देखा जाए तो एक छोटे से कार्यक्रम से उठी यह बात अब बड़े राजनीतिक विवाद में बदल गई है। आने वाले समय में यह देखना दिलचस्प होगा कि नीतीश कुमार और उनकी पार्टी इस पर क्या रुख अपनाती है और विपक्ष इस मुद्दे को कितना भुनाने में सफल होता है।